UCC-CAA Kab Ayega
UCC-CAA kab ayega: देश में समान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकता संशोधन और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लागू होने पर चर्चा तेज हो चुकी है। बीजेपी के केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का एक बयान सामने आया है कि सरकार एक हफ्ते के अंदर अंदर CAA को लागू कर देगी, पहले उत्तराखंड के सीएम धामी और फिर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान ने इसे और पुख्ता कर दिया है। बीते दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा कि ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, और इसे दो फरवरी को पेश किया जा सकता है।
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वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का दावा है कि पूरे बंगाल सहित देशभर में अगले एक हफ्ते में CAA लागू हो जाएगा। अब एक बार फिर इस पर बहस आरंभ हो गई है। आइए जानते हैं क्या है और UCC-CAA kab ayega। लंबे समय से इस पर चर्चा जारी है। यह अब तक क्यों नहीं लागू हो पाया, यह लागू होने पर कितना कुछ बदलने वाला है, इसे जानते हैं।
UCC-CAA आखिर क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है सामान्य नागरिक संहिता, जिसे हम आसानी से समझ सकते हैं। यह भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा, चाहे वे हिन्दू हों या मुस्लिम। इसका मतलब है कि धर्म का असर नहीं होगा, सभी को एक समान कानून मिलेगा। इससे कई बदलाव होंगे, जैसे कि शादी, बच्चा गोद लेना, तलाक और उत्तराधिकार से जुड़े कानून सभी धर्मों के लिए समान हो जाएंगे।
भारत विश्व का पहला देश नहीं है जो इसे लागू कर रहा है, बल्कि कई अन्य देशों में यह पहले से ही लागू है, जैसे कि अमेरिका, इंडोनेशिया, आयरलैंड, मिस्र, मलेशिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश। इन देशों में, चाहे कोई भी धर्म हो, सभी को एक ही कानून का पालन करना होता है।
CAA नागरिकता से जुड़ा कानून
आइए सीएए को समझें। सीएए नागरिकता से संबंधित कानून है। इसके लागू होने पर सीधे तौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से वे लोग नागरिकता प्राप्त करेंगे, जो दिसंबर 2014 से पहले किसी भी तरह से प्रताड़ित होकर भारत आए थे। इसमें गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को शामिल किया गया है। इसके लागू होने के बाद अलग-अलग राज्यों में ऐसे अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी।
इस नाम से पहली बार यह मुद्दा लोकसभा में 2016 में उठाया गया था। इसे यहां से पास होने के बाद राज्यसभा में पेश किया गया, लेकिन वहां इसे आगे नहीं बढ़ा जा सका। इसके बाद यह मुद्दा संसदीय समिति के पास भेजा गया। 2019 में मोदी सरकार बनने के बाद फिर से लोकसभा में पेश किया गया और राज्यसभा से मंजूरी मिली। इसके बाद 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, मगर इसे लागू नहीं किया गया।
क्यों नहीं लागू हो पाया UCCऔर CAA?
आपको बता दें कि CAA, जिसका मतलब है सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, और यूसीसी के लागू होने पर देश के कई राज्यों में विवाद था। प्रदर्शनों के बाद इसे लागू नहीं किया गया। हालांकि, सरकार ने इसे लेकर अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। केंद्र सरकार के अनुसार, जब तक देश में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होती, तब तक लैंगिक समानता नहीं लागू हो सकती है। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि इससे समानता नहीं आ सकती है।
UCC को लेकर विरोध क्यों
विशेषज्ञों का कहना था कि यूसीसी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब सामने नहीं आए हैं, जैसे कि शादी और तलाक के मामले में कौन-सा नियम लागू होगा, बच्चे को गोद लेने पर क्या होगा, और तलाक होने पर गुजारा भत्ता और संपत्ति के बंटवारे में किसका अधिकार होगा। इस तरह के सवालों के जवाब अब तक उपलब्ध नहीं हैं।
वहीं, UCC का सबसे अधिक विरोध पूर्वोत्तर में देखा गया है। उदाहरण से इस विरोध को समझा जा सकता है। भारत में उत्तर पूर्व के सात राज्यों को सेवन सिस्टर्स की तरह कहा जाता है, जिनमें 238 सजातीयां हैं। इनकी अलग पहचान, विशेष परंपराएं और रहन-सहन हैं। ये राज्य अपनी धरती को बहुत विशेष मानते हैं और नहीं चाहते कि पड़ोसी देशों से आने वालों को नागरिकता मिले। इसका मतलब है कि उन्हें यह चिंता है कि ऐसा होने पर उनके संसाधनों का बंटवारा होगा और उनकी पहचान पर असर पड़ेगा, जिससे वे पिछड़ सकते हैं।
CAA Full Form: CAA की फूल फॉर्म क्या है?
CAA का फुल फॉर्म Citizenship Amendment Act. हैं।
NRC क्या हैं?
NRC को सिंपल भाषा में समझते हैं – इससे पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं। जिन लोगों के नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है। असम एकमात्र राज्य है जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, या एनआरसी, लागू हो चुका है। यह रजिस्टर 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था और इसमें सभी व्यक्तियों के विवरणों को जनगणना के दौरान जोड़कर बनाया गया था। इसमें सिर्फ वे लोग भारतीय नागरिक माने जाते हैं जो असम में बांग्लादेश बनने से पहले (25 मार्च 1971 से पहले) आए हैं।
NRC कहा कहा लागू है?
असम एकमात्र राज्य है जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, या एनआरसी, लागू हो चुका है।
एनआरसी क्या हैं
NRC का हिंदी मतलब ‘राष्ट्रीय नागरिक पंजी’ हैं जिसे इंग्लिश में National Register of Citizens कहते हैं।
(UCC) यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
भारत के सभी नागरिकों को, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए। इस कानून को युनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) कहा जाता है और इसमें शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही नियम लागू होगा।
UCC किस राज्य में लागू है
देश का गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू है, लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दें कि गोवा में पुर्तगाल सरकार के समय से ही यूनिफार्म सिविल कोड को लागू किया गया था। वर्ष 1961 में गोवा सरकार ने यूनिफार्म सिविल कोड को अपनाया। भारतीय संविधान के भाग 4, अनुच्छेद 44 के अंतर्गत भारतीय राज्यों को देश में सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) का निर्माण करने का आदान-प्रदान है, जो पूरे देश में लागू होता है।
UCC के नुकसान क्या क्या है ?
खालिद रशीदी फिरंगी महली के अनुसार, यूनिफॉर्म सिविल कोड का देशभर में लागू होना सिर्फ मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उनका दावा है कि इससे आदिवासी संगठनों को भी नुकसान हो सकता है और उनकी परंपराएं, प्रथाएं और कानून समाप्त हो सकते हैं।(UCC-CAA kab ayega)
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